कड़बक class 12th Hindi subjective question

कड़बक class 12th Hindi subjective question

WhatsApp Channel Join Now
Telegram channel Join Now
Instagram ID Follow me

कड़बक class 12th Hindi subjective question

Summary-> यहां प्रस्तुत दोनों कड़बक मलिक मुहम्मद जायसी के महाकाव्य पद्मावत के क्रमशः प्रारंभिक और अंतिम छंदों से लिए गए हैं।
प्रारंभिक स्तुति खंड से उद्धत प्रथम कड़बक में कवि और काव्य की विशेषताएं निरूपित करते हुए दोनों के बीच एक अद्वैत की व्यंजना की गई। इसमें कवि एक विनम स्वाभिमान से अपने रूपहीनता और एक आंखपन को प्राकृतिक दृष्टांतों द्वारा महिमामंडित करते हुए रूप को गौण तथा गुणों को महत्वपूर्ण बताते हुए हमारा ध्यान आकर्षित किया है। कवि ने इस तथ्य को प्रस्तुत किया है कि उसके इन्हीं गुणों के कारण ही पद्मावत जैसे मोहक काव्य की रचना संभव हो सकी।
द्वितीय कस्बाक उप संघार खंड से उद्धत है जिसमें कवि द्वारा अपने काव्य और उसकी कथा सृष्टि का वर्णन है वह बताते हैं कि उन्होंने इसी गाढ़ी प्रीति के नयन जल में भी कोई हुई स्क्त की नई लगाकर जोड़ा है इसी क्रम में वे आगे कहते हैं की अब न वह राजा रत्नसेन है और न वह रूपवती रानी पद्मावती है न वह बुद्धिमान सुआ है और न राधवचेतन या अलाउद्दीन है। इनमें से किसी के न होने पर भी उनके यश के रूप में कहानी शेष रह गई है। फूल झड़कर नष्ट हो जाता है पर उसकी खुशबू रह जाती है कवि के कहने का अभिप्राय यह है कि एक दिन उसके न रहने पर उसकी कीर्ति सुगंध की तरह पीछे रह जाएगी। इस कहानी का पाठक उसे दो शब्दों में याद करेगा। कवि का अपने कलेजे के खून से स्वे इस काव्य के प्रति यह आत्मविश्वास अत्यंत सार्थक और बहुमूल्य है।

सब्जेक्टिव –

1. कवि ने अपनी एक आंस्त की तुलना दर्पण से क्यों की है?
उत्तर- कवि ने अपनी एक आंख की तुलना दर्पण से इसलिए की है क्योंकि दर्पण स्वच्छ व निर्मल होता है। उसमें मनुष्य की वैसी ही प्रति छाया दिखती है जैसा वह वास्तव में होता है कवि स्वयं को दर्पण के सामने स्वच्छ व निर्मल भावों से ओत-प्रोत मानता है उसके हृदय में जरा सा भी कृत्रिमता नहीं है उसके इन निर्मल भावों के कारण ही बड़े-बड़े रूपवान लोग उसके चरण पकड़ कर लालसा के साथ उसके मुख की ओर निहारते हैं।

2. कवि ने किस रूप में स्वयं को याद रखे जाने की इच्छा व्यक्त की है उनकी इस इच्छा का मर्म बताएं?
उत्तर- कवि मलिक मुहम्मद जायसी ने अपने स्मृति के रक्षार्थ जो इच्छा प्रकट की है उसका वर्णन अपने कविताओं में किया है। कवि का कहना है कि मैंने जान-बूझकर संगीतमय काव्य की रचना की है ताकि इस प्रबंध के रूप में संसार में मेरी स्मृति बरकरार रहे। इस काव्य कृति में वर्णित प्रगाढ़ प्रेम सर्वथा नयनों की अश्रुधारा से सिंचित है यानी कठिन विरह प्रधान काव्य है।

3. भाव स्पष्ट करें-
1. जर्जी लहि अंबहि डांभ न होई। तौ लहि सुगंध बसाई न सोई ॥
उत्तर- प्रस्तुत पंक्तियां प्रथम कड़बक से उढ़त की गई है। इस कविता के रचयिता मलिक मुहम्मद जायसी है। इन पंक्तियों के द्वारा कवि ने अपने विचारों को प्रकट करने का काम किया है जिस प्रकार आम में नुकीली डानें नहीं निकलती तब तक उसमें सुगंध नहीं आता यानी आम में सुगंध आने के लिए डाभ युक्त मंजरियों का निकलना जरूरी है। डाभ के कारण आम की खुशबू बढ़ जाती है ठीक उसी प्रकार गुण के बल पर व्यक्ति समाज में आदर्श पाने का हकदार बन जाता है इसकी गुणवत्ता उसके व्यक्तित्व में निखार ला देती है। काव्य शास्त्रीय प्रयोग की दृष्टि से यहां पर अत्यंत तिरस्कृत वाक्यगत वाच्य ध्वनि है। यह ध्वनि प्रयोजनवती लक्षण का आधार लेकर खड़ी होती है। इसमें वाच्यार्थ का सर्वथा त्याग रहता है और एक दूसरा ही अर्थ निकलता है।
इन पंक्तियों का दूसरा विशेष अर्थ है कि जब तक पुरुष में दोष नहीं होता तब तक उसमें गरिमा नहीं आती है। डाभ-मंजरी आने से पहले आम के वृक्ष में नुकीले टोंसे निकल आते हैं।

2. स्कत के लेई का क्या अर्थ है?
उत्तर- कविवर जायसी कहते हैं कि कवि मुहम्मद में अर्थात मैंने यह काव्य रचकर सुनाया है। इस काव्य को जिसने भी सुना है उसी को प्रेम की पीड़ा का अनुभव हुआ है मैंने इस कथा को रक्त रूपी लेई के द्वारा जोड़ा है और इसकी गाढ़ी प्रीति को आंसुओं से भिगोया है। यही सोचकर मैंने इस ग्रंथ का निर्माण किया है कि जगत में कदाचित मेरी यही निशानी है शेष बची रह जाएगी।

3. मुहम्मद यहि कवि जोरि सुनावा यहां कवि ने जोरि शब्द का प्रयोग किस अर्थ में किया है?
उत्तर- मुहम्मद यहि कबि जोरि सुनावा मै जोरि शब्द का प्रयोग कवि ने स्वकर अर्थ में किया है अर्थात मैंने यह काव्य स्वकर सुनाया है कवि यह कहकर इस तथ्य को उजागर करना चाहता है कि मैंने रत्नसेन पद्मावती आदि जिन पात्रों को लेकर अपने ग्रंथ की रचना की है उनका वास्तव में कोई अस्तित्व नहीं था अपितु उनकी कहानी मात्र प्रचलित रही है।

4. दूसरे कड़वक का भाव सौंदर्य स्पष्ट करें ?
उत्तर – दूसरे कड़बक मैं कवि ने इस तथ्य को उजागर किया है कि उसने स्त्नसेन पद्मावती आदि जिन पात्रों को लेकर अपने ग्रंथ की रचना की है उनका वास्तव में कोई अस्तित्व नहीं था अपितु उनकी कहानी मात्र प्रचलित रही परंतु इस काव्य को जिसने भी सुना है उसी को प्रेम की पीड़ा का अनुभव हुआ है कवि ने इस कथा को रक्त रूपी लेई के द्वारा जोड़ा है और इसकी गाढ़ी प्रीति को आंसुओं से भिगोया है कवि ने इस काव्य की स्वना इसलिए की क्योंकि जगत में उसकी यही निशानी शेष बची रह जाएगी कवि यह चाहता है कि इस कथा को पढ़कर उसे भी याद कर लिया जाण

5. व्याख्या करें-
धनि सो पुरुख जस कीरति जासू
फूल मेरे पै मरे न बासू ॥
उत्तर- प्रस्तुत पंक्तियां जायसी लिखित कड़वक के द्वितीय भाग से उटत की गई कवि का कहना है कि जिस प्रकार पुष्प अपने नश्वर शरीर का त्याग कर देता है वि सुगंधित धरती पर परिव्याप्त रहती है ठीक उसी प्रकार महान व्यक्ति भी इस धाम पर अवतरित होकर अपनी कीर्ति पताका सदा के लिए इस भुवन में फहरा जाते हैं। पुष्प सुगंध सदृश्य यशस्वी लोगों की भी कीर्तियां विनष्ट नहीं होती। बल्कि युग युगांतर उनकी लोक हितकारी भावनाएं जन जन के कंठ में विराजमान रहती है।
दूसरे अर्थ में पद्मावती के लोग की कथा को अध्यात्मिक धरातल पर स्थापित करते हुए कवि ने सूफी साधना के मूल मंत्रों को जन जन तक पहुंचाने का कार्य किया है इस संसार की नश्वरता की चर्चा अलौकिक कथा काव्य द्वारा प्रस्तुत कर कवि ने अलौकिक जगत से सब को रूबरू कराने का काम किया है यह जगह तो नश्वर है केवल कीर्तियां ही अमर रह जाती है। तौकिक जीवन में अमरता प्राप्ति के लिए अलौकिक कर्म द्वारा ही मानव उस सत्ता को प्राप्त कर सकता है।

class 12th Science
class 12th physics Click Here 
class 12th chemistry Click Here 
class 12th Biology Click Here 
class 12th Hindi Click Here 
Class 12th English Click Here 
Class 12th Maths Click Here 
Telegram Join  Click Here 
WhatsApp channel  Click Here 
App install  Click Here 
YouTube Channel Click Here 
class 12th Art’s 
class 12th History Click Here 
class 12th Geography Click Here 
class 12th pol Science Click Here 
class 12th Hindi Click Here 
Class 12th English Click Here 
Class 12th Economics Click Here 
Telegram Join  Click Here 
WhatsApp channel  Click Here 
App install  Click Here 
YouTube Channel Click Here 
class 12th Commerce
class 12th Accountancy Click Here 
class 12th Buisness Studies Click Here 
class 12th Enterpreneurship Click Here 
class 12th Hindi Click Here 
Class 12th English Click Here 
Class 12th Economics Click Here 
Telegram Join  Click Here 
WhatsApp channel  Click Here 
App install  Click Here 
YouTube Channel Click Here 
class 10th 
10th Science Click Here 
10th social Science Click Here 
10th Hindi Click Here 
10th Sanskrit Click Here 
10th maths Click Here 
10th English Click Here 
Telegram Join  Click Here 
WhatsApp channel  Click Here 
App install  Click Here 
YouTube Channel Click Here 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page