class 12th Hindi chapter-5 subjective question || रोज class 12th hindi Summary

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class 12th Hindi chapter-5 subjective question || रोज class 12th hindi Summary

लेखक परिचय
* Chapter नाम = रोज
* लेखक का नाम = सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय
* जन्म = 7 मार्च 1911
* निधन = 4 अप्रैल 1987
* निवास = कुशीनगर (उत्तर प्रदेश)
* मृत्यु स्थान = नई दिल्ली
* प्रमुख रचनाएं = आँगन के पार द्वार’, ‘कितनी नावों में कितनी बार’, ‘‘हरी घास पर क्षण भर, एक जीवनी’ आदि।

 »सारांश«
रोज कहानी के पहले भाग में मालती द्वारा अपने भाई के औपचारिक स्वागत का उल्लेख है जिसमें कोई उत्साह नहीं है वह अतिथि का कुशलक्षेम तक नहीं पूछती पर पंखा अवश्य झलती है। उसके प्रश्नों का संक्षिप्त उत्तर देती है। बचपन की बातों ने चंचल लड़की शादी के 2 वर्षों बाद इतनी बदल जाती है कि वह चुप रहने लगती है| मालती और अतिथि के बीच के मौन को मालती का बच्चा सोते-सोते रोने से तोड़ता है वह बच्चे को संभालने के कर्तव्य का पालन करने के लिए दूसरे कमरे में चली जाती है

वह कहानी के इस भाग में प्रकट हो जाती है कहानी के इस भाग में मालती कर्तव्य पालन की औपचारिकता पूरी करती होती है। पर यह कर्तव्य पालन में कोई उत्साह नहीं है जिसमें उसके निराश उदास यांत्रिक जीवन की ओर संकेत करता है अतिथि से हुए उसके संवादों में भी एक उत्साह हीनता और ठंडापान है।

रोज कहानी के दूसरे भाग में मालती का मानसिक स्थिति बीते बचपन की स्मृतियों में खोने से एक असंज्ञा की स्थिति और थकान का कुशल अंकन हुआ है साथ ही उसके पति के यांत्रिक जीवन पानी, सब्जी, नौकर आदि के अभाव का भी उल्लेख हुआ है। मालती पति के खाने के बाद दोपहर को 3:00 बजे और रात को 10:00 बजे ही भोजन करेगी और यह रोज का क्रम है बच्चे का रोना मालती का देर से पूजन करना पानी का नियमित रूप से व्यक्त पर ना आना । यह सब कुछ मालती के जीवन की सूचना देता है।

कहानी के तीसरे भाग में महेश्वर की आंतरिक दिनचर्या अस्पताल के एक जैसे रोगियों की टांग काटने या उसके मरने के नित्य चिकित्सा कर्म का पता चलता है। महेश्वर और अतिथि बाहर पलंग पर बैठकर चांदनी रात का आनंद लेते रहे पर मालती घर के अंदर बर्तन मांजती रही क्योंकि यही उसकी नियमित थी। बच्चे का बार बार पलंग से नीचे गिर पड़ना। बच्चे की चोटे भी मामूली बात है। क्योंकि वह रोज इन चोटें को सहती रहती है रोज की ध्वनि कहानी में निरंतर है
कहानी का अंत ग्यारह बजने की घंटा-ध्वनि से होता है। कहानी एक रोचक मोड़ पर है वहां पहुंची है। जहां महेश्वर अपनी पत्नी को आम धोकर लाने का आदेश देता है। कहानी का मुख्य स्वर चुनौती का नहीं है बल्कि समझौते और परिस्थितियों के प्रति सहनशीलता का है जो उसके मूल में उसकी पति के प्रतिनिष्ठा और कर्तव्य को अभिव्यक्त करता है। जिंस प्रकार से समाज के सरोकारों से वह कटी हुई है उसे रोज का कबाड़ तक सीमित नहीं है जिससे अपने ऊबाउपन जीवन से दो क्षण निकालने पर बाहर की दुनिया में क्या कुछ घटित हो रहा है उससे जुड़ने का मौका मिल सके।

subjective question 

1. मालती के घर का वातावरण आपको कैसा लगा अपने शब्दों में लिखिए?
उत्तर- कहानी के प्रथम भाग में ही मालती के यंत्रवत् जीवन की झलक मिल जाती है जब वह अतिथि का स्वागत केवल औपचारिक ढंग से करती है अतिथि उसके दूर के रिश्ते का भाई है जिसके साथ वह बचपन में खूब खेलती थी। पर वर्षों बाद आए भाई का स्वागत उत्साह पूर्वक नहीं कर पाती बल्कि जीवन की अन्य औपचारिकताओं की तरह एक और औपचारिकता निभा रही है हम देखते हैं कि मालती अतिथि से कुछ नहीं पूछती बल्कि उसके प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर ही देती हैं उसमें अतिथि की कुशलता या उसके वहां आने का उद्देश्य या अन्य समाचारों के बारे में जानने की कोई अत्सुकता नहीं दिखती। यदि पहले कोई उत्सुकता उत्साह जिज्ञासा या किसी बात के लिए उत्कंठा भी थी तो वह दो वर्षों के वैवाहिक जीवन के बाद शेष नहीं रही विगत दो वर्षों में उसका व्यक्तित्व बुझ सा गया है

जिसे उसका रिश्ते का भाई भांप लेता है अतः मालती का मौन उसके दंभ का या अवहेलना का सूचक नहीं बल्कि उसके वह वैवाहिक जीवन की उत्साहहीनता नीरसता और यांत्रिकता का ही सूचक है। यह एक विवाहित नारी के अभाव में घूमते हुए पंगु बने व्यक्तित्व की त्रासदी का चित्रण है एक नारी के सीमित घरेलू परिवेश में बीतते उबाऊ जीवन का चित्रण है।

2. दोपहर में उस सूने आंगन में पैर रखते ही मुझे ऐसा जान पड़ा मानो उस पर किसी शाप की छाया मंडस रही हो, यह कैसी शाप की छाया है वर्णन कीजिए ?
उत्तर- जब लेखक दोपहर के समय मालती के घर पहुंचा तो उसे ऐसा प्रतीत हुआ कि मानो वहां किसी शाप की छाया मंडरा रही हो। यह शाप की छाया उस घर में रहने वाले लोगों के बीच अपनेपन तथा प्रेम भाव का न होना थी वहां रहने वाला परिवार एक ऊब भरी नीरस और निर्जीव जिंदगी जी रहा था। मां को अपने इकलौते बेटे के चोट लगने या उसके गिरने से कोई पीड़ा नहीं होती है इसी प्रकार एक पति को अपने कामकाज से इतनी भी फुर्सत नहीं है कि वह अपनी पत्नी के साथ कुछ समय बिता सके इस कारण उसे एकांकी जीवन जीना पड़ता है इस प्रकार यह शाप पति पत्नी और बच्चे तीनों को ही भुगतना पड़ता है।

3. लेस्तक और मालती के संबंध का परिचय पाठ के आधार पर दें?
उत्तर- लेखक और मालती के बीच एक घनिष्ठ संबंध है मालती लेखक की दूर के रिश्ते की बहन है लेकिन दोनों के बीच मित्र जैसा संबंध है दोनों बचपन में इकट्ठे खेले लडे और पिटे हैं। दोनों की पढ़ाई भी साथ ही हुई थी उनका रिश्ता सदा मित्रतापूर्ण रहा था वह कभी भाई बहन या बड़े छोटे के बंधन में नहीं बंधे थे।

4. गैंग्रीन क्या है?
उत्तर- मैंग्रीन एक खतरनाक रोग है पहाड़ियों पर रहने वाले व्यक्तियों के पैरों में कांटा चुभना आम बात है। परंतु कांटा चुभने के बाद बहुत दिनों तक छोड़ देने के बाद व्यक्ति का पांव जख्म का शक्त अख्तियार कर लेता है जिसका इलाज मात्र पांव का काटना ही है कभी-कभी तो इस रोग से पीड़ित रोगी की मृत्यु तक हो जाती है।

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