12th hindi सारांश संपूर्ण क्रांति⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
संपूर्ण क्रांति शीर्षक अंश 5 जून 1974 के पटना के गांधी मैदान में दिए गए जयप्रकाश नारायण के भाषण का एक अंश है संपूर्ण भाषण स्वतंत्र पुस्तिका के रूप में जनशक्ति पटना से प्रकाशित है इनका भाषण संपूर्ण जनता मंत्रमुग्ध होकर सुनती रही भाषण के बाद लोगों के हृदय में क्रांतिकारी विचार धधक उठे और आंदोलन के विराट रूप धारण कर लिया पटना के गांधी मैदान में फिर ना वैसे भी इकट्ठे हुए और ना वैसा कोई प्रेरक भाषण हुआ अपने भाषण के प्रारंभ में जयप्रकाश नारायण ने युवाओं को संकेत देते हुए कहा है कि हमें सवराज तो मिल गया है लेकिन सुशासन के लिए हमें अभी काफी संघर्ष करने होंगे भाषण के क्रम में उन्होंने नेहरू जी का उदाहरण दिया नेहरू जी कहते थे कि सुशासन के लिए देश की जनता को अभी मीलों जाना है कठिन परिश्रम करने है त्याग करने जेपी ने कहा कि अभी समाज में भूख महंगाई भ्रष्टाचार जैसे दानव वर्तमान है उनसे हमें लड़ना होगा आंदोलन करना होगा इसके लिए जनता को तैयार होना होगा । आंदोलन को सफल बनाते हुए उन्होंने युवाओं को आगे आकर नेतृत्व करने की सलाह दी उन्होंने यूथ फॉर डेमोक्रेसी का आवाहन किया लोगों के आग्रह पर उन्होंने आंदोलन के नेतृत्व का दायित्व अपने कांधे पर ले लिया उन्होंने जन संघर्ष समितियों का गठन किया जेपी ने अपने भाषण में अमेरिका प्रवास की बात कही है अमेरिका में वह मजदूरी कर पढ़ते थे पढ़ाई में क्रम में घोर कम्युनिस्ट बन गए जमाना लेनिन का था अतः: लेनिन के विचारों से प्रभावित लेनिन के मरने के बाद घोर मार्क्सवादी बन गए अमेरिका से लौटकर वे कांग्रेस में दाखिल हो गए वे कम्युनिस्ट पार्टी में क्यों नहीं गए इसका कारण उन्होंने देश की गुलामी माना जेपी आंदोलन के क्रम में जो सभा हुई थी उस सभा को विफल बनाने में कांग्रेस सरकार ने कौन-कौन से हथकंडे अपनाए इसकी भी चर्चा उन्होंने अपने भाषण में की है लोगों को ट्रेनों से उतारा गया लाठियां चलाई गई जीपी ने इसे लोकतंत्र पर कलंक माना उन लोगों को लोकतंत्र का दुश्मन मानते हैं जो शांतिमय कार्यक्रमों में बाधा डालते हैं वे इंदिराजी की चर्चा करते हैं उनके अनुसार उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं बल्कि उनकी गलत नीतियों से उनके गलत सिद्धांतों से है उनके गलत कार्यों से है भाषण के क्रम में बाबू एवं जवाहरलाल नेहरू की प्रशंसा करते हैं वे गांधी जी का विरोध भी करते थे क्योंकि वे धोर कम्युनिस्ट जो थे नेहरू जी को भाई कहा करते थे अपने भाषण में भी नेहरू की विदेशी नीति के विरोध की चर्चा करते हैं राष्ट्रीय नीति पर उनका नेहरू जी से कोई मतभेद नहीं था भाषण के क्रम में उन्होंने दलविहीन लोकतंत्र की चर्चा की है लेकिन जेपी आंदोलन में दलविहीन लोकतंत्र की घोषणा नहीं करना चाहते थे वे जनता की भावनाओं के विरुद्ध जाना नहीं चाहते थे भाषण के क्रम में केवल उन्होंने मार्क्सवाद की चर्चा की है साम्यवाद एवं दलविहीन एवं राजविहीन समाज में संबंधो की चर्चा जेपी ने की अपने ऐतिहासिक भाषण में उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वह संपूर्ण क्रांति चाहते है देश का सामाजिक आर्थिक एवं नैतिक बदलाव ही संपूर्ण क्रांति है इस संपूर्ण क्रांति लाने में जन संघर्ष समितियां की भूमिका की चर्चा उन्होंने अपने भाषण में की है उनके अनुसार दलविहीन संघर्ष समिति विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार तय करेगी साथ ही जनप्रतिनिधियों पर इन संघर्ष समितियों का ही नियंत्रण होगा जनप्रतिनिधि निरंकुश ना हो इसका ध्यान जन समितियों को रखना होगा यह संघर्ष समिति या स्थाई रूप से कार्य करेगी साथ ही यह समितियां केवल लोकतंत्र के लिए ही नहीं बल्कि सामाजिक आर्थिक और नैतिक क्रांति के लिए अथवा संपूर्ण क्रांति के लिए कार्य करेगी